रायपुर, 5 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, बघेल सरेंडर करने के लिए कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन सरेंडर से लगभग दस मिनट पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस से जमकर झूमाझटकी की, जिसके बाद कोर्ट और देवेंद्र नगर थाने के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।
अमित बघेल का नाम उस विवाद में सामने आया था, जिसमें 27 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने की घटना के बाद उन्होंने अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के इष्ट देवता झूलेलाल पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके बयान के विरोध में अग्रवाल और सिंधी समाज ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में FIR दर्ज हुई थी और वह घटना के बाद से फरार थे।
उधर, शुक्रवार सुबह अमित बघेल की मां के निधन की सूचना सामने आई। अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव पथरी ले जाए गए शव में शामिल होने हेतु बघेल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे। पुलिस को इस जानकारी का पता लगते ही उन्हें कोर्ट में प्रवेश के थोड़े समय बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के दौरान समर्थकों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की, लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस टीम ने उन्हें तुरंत देवेंद्र नगर थाने ले जाया।
इससे पहले 26 नवंबर को बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था—
“अपनी जुबान पर लगाम रखें। जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करें। ऐसे मामलों में कोई राहत नहीं दी जा सकती।” अमित बघेल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की राजनीति और सामाजिक संगठनों में हलचल तेज हो गई है। पुलिस आगे की पूछताछ और कानूनी कार्रवाई में जुट गई है।
कोर्ट में सरेंडर से ठीक पहले गिरफ्तार हुए अमित बघेल — समर्थकों की पुलिस से झूमाझटकी, कोर्ट व थाने में बढ़ाई गई सुरक्षा
रायपुर, 5 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट परिसर से गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, बघेल सरेंडर करने के लिए कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन सरेंडर से लगभग दस मिनट पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस से जमकर झूमाझटकी की, जिसके बाद कोर्ट और देवेंद्र नगर थाने के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।
अमित बघेल का नाम उस विवाद में सामने आया था, जिसमें 27 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने की घटना के बाद उन्होंने अग्रसेन महाराज और सिंधी समाज के इष्ट देवता झूलेलाल पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके बयान के विरोध में अग्रवाल और सिंधी समाज ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में FIR दर्ज हुई थी और वह घटना के बाद से फरार थे।
उधर, शुक्रवार सुबह अमित बघेल की मां के निधन की सूचना सामने आई। अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव पथरी ले जाए गए शव में शामिल होने हेतु बघेल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे। पुलिस को इस जानकारी का पता लगते ही उन्हें कोर्ट में प्रवेश के थोड़े समय बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के दौरान समर्थकों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की, लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस टीम ने उन्हें तुरंत देवेंद्र नगर थाने ले जाया।
इससे पहले 26 नवंबर को बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था—
“अपनी जुबान पर लगाम रखें। जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करें। ऐसे मामलों में कोई राहत नहीं दी जा सकती।” अमित बघेल की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की राजनीति और सामाजिक संगठनों में हलचल तेज हो गई है। पुलिस आगे की पूछताछ और कानूनी कार्रवाई में जुट गई है।