रायपुर। छत्तीसगढ़ में कलेक्टर गाइडलाइन दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर असमंजस और अस्थिरता की स्थिति में है। उन्होंने आरोप लगाया कि जमीन गाइडलाइन से जुड़े फैसले बिना अध्ययन, बिना जन-सुनवाई और बिना पारदर्शिता के लिए जा रहे हैं, जिसका सीधा असर आम जनता, किसान वर्ग और छोटे व्यवसायियों पर पड़ रहा है। सांसद अग्रवाल इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जमीन की खरीद-फरोख्त पहले ही मंदी की मार झेल रही है। किसानों, मध्यमवर्गीय परिवारों और छोटे कारोबारियों पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। गाइडलाइन बढ़ने के बाद स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में बढ़ोतरी होना तय है, जिससे आमजन के लिए जमीन खरीदना और कठिन हो जाएगा।
• उच्च-स्तरीय समिति बनाने की मांग
अग्रवाल ने मांग की कि राज्य सरकार एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करे, जिसमें राजस्व विभाग के विशेषज्ञों के साथ रियल एस्टेट सेक्टर और किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हों। उन्होंने कहा कि जमीन की गाइडलाइन दर तय करते समय सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का आकलन अनिवार्य होना चाहिए, ताकि दरें व्यावहारिक और जनहितकारी बन सकें।
• सीएम को भेजे पत्र में क्या लिखा था
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि गाइडलाइन दरों में अनियोजित रूप से वृद्धि कर दी गई है। पत्र में उन्होंने लिखा कि बिना जन-परामर्श, बिना वास्तविक मूल्यांकन और बिना सामाजिक-आर्थिक अध्ययन के की गई यह बढ़ोतरी ‘‘इज ऑफ लिविंग’’ और ‘‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’’ के विपरीत है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इस फैसले से किसान, छोटे व्यापारी, कुटीर-उद्यमी, मध्यम वर्ग और निवेशक सभी प्रभावित होंगे और अनेक वर्गों में असंतोष तेजी से बढ़ रहा है।
• कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन
गाइडलाइन बढ़ोतरी के बाद प्रदेश के कई जिलों में व्यापारी संगठनों और स्थानीय व्यवसायियों ने विरोध-प्रदर्शन किए। व्यापारियों ने प्रदर्शन कर बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग की।
• विपक्षी दल भी मैदान में
जमीन की रजिस्ट्री दर बढ़ाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी सक्रिय हो गई हैं। दोनों दलों ने सरकार और वित्त मंत्री के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और पुतला दहन किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार यह निर्णय वापस नहीं लेती, तो पार्टी बड़े आंदोलन की ओर कदम बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई गाइडलाइन दरें प्रदेश के आर्थिक ढांचे पर सीधा बोझ डालेंगी। गाइडलाइन विवाद पर बढ़ती राजनीतिक हलचल के बीच अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस पर क्या अगला कदम उठाती है।